आज तक हम आजादी को मुफ़्त समझते रहे हैं, पर असल में ये आजादी दुनिया की सबसे महंगी चीज़ों में से एक है जिसकी कीमत हमारे जवान चुकाते हैं और हमें बिना बताए, बिना महसूस हुए ऋणी छोड़ जाते हैं | वो ऋण जिसे हम शायद कभी चुका न पाएं | 1947 में जब पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया था तब से ले कर आज तक कई जवान वीरगति को प्राप्त हुए। ये हमारी जिम्मेदारी बनती थी और है की हम उन्हें और उनके बलिदानों को याद रखें। पर आगे बढ़ने से पहले रुक कर दो मिनट के लिए सोचें की क्या हमने अपने जिम्मेदारियों को निभाया? हो सकता है की आप में से कुछ लोग ये सवाल भी कर सकते हैं कि हमारे याद रखने से क्या कुछ बदल जाएगा तो हाँ, क्योंकि शायद ये एकमात्र तरीका है जिससे उनकी विरासत को हम अगले पीढ़ी के लिए सुरक्षित रख सकते हैं। ऐसा इसलिए भी जरूरी है हमारे लिए क्योंकि हम काफी कुछ इन से सीख सकते हैं क्योंकि इन्होंने अपने 20-30 उम्र में वो हासिल किया जो की कई लोग अपनी पूरी जिंदगी में हासिल करने की सोच भी नहीं सकते । कई और सीख भी है जो हम इन जवानों की जिंदगी से ले सकते हैं, अदम्य साहस, निडरता, मुश्किल से मुश्किल हालत में ह...